प्रारंभ:- 12 मार्च 2023
कार्यक्रम का उद्देश्य:-
1.दुग्ध उत्पादन और पशुओं की दुग्ध उत्पादक क्षमता में वृद्धि,
2.रोजगार के नवीन अवसर द्वारा हितग्राहियों की आर्थिक स्थिति में सुधार|
3.उच्च उत्पादक क्षमता के गौ-भैंस वंशीय पशुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
☆ इस योजना का लाभ बैगा,सहरिया और भारिया जनजाति को मिलेगा!
☆ योजना का लाभ:-
पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल ने कहा है कि प्रति पशुपालक 2 दुधारू पशु गाय/भैंस दी जाएगी। कार्यक्रम में 90 प्रतिशत शासकीय अनुदान और 10 प्रतिशत हितग्राही अंशदान होगा। क्रय किये गये सभी पशुओं का बीमा होगा। मिल्क रूट और दुग्ध समितियों का गठन मध्यप्रदेश दुग्ध महासंघ और पशुपालन विभाग द्वारा किया जायेगा।
☆ यह योजना मध्य प्रदेश के 15 जिलों में प्रारंभ की गई है!
विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा के लिये 6 जिले डिण्डोरी, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, मण्डला और बालाघाट, भारिया के लिये छिन्दवाड़ा और सहरिया जनजाति के लिये ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, श्योपुरकला, मुरैना और भिण्ड जिले में कार्यक्रम क्रियान्वित होगा।