विश्व बौद्धिक संपदा दिवस- 26 अप्रैल
विश्व बौद्धिक संपदा दिवस हर वर्ष 26 अप्रैल को मनाया जाता है।
• इस दिवस का उद्देश्य लोगों को पेटेंट, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क आदि के बारे में जागरूक करना है।
• बौद्धिक संपदा अधिकारों (IPR) का उपयोग विश्व के समाजों (लोगों) को प्रोत्साहित करने, उनके नवाचार और रचनात्मकता को सम्मान देने के लिए किया जाता है।
बौद्धिक संपदा का आसय,
बौद्धिक संपदा का आशय मस्तिष्क की मूल उपज / विचार से है, जिसमें आविष्कार, साहित्यिक और कलात्मक कार्य, डिजाइन, प्रतीक, नाम और वाणिज्य में उपयोग किए जाने वाले चित्र शामिल हैं।
• IP एक गैर-भौतिक संपत्ति है जिस पर किसी व्यक्ति या कंपनी का अधिकार होता है।
"बौद्धिक संपदा अधिकार वे अधिकार हैं जो मस्तिष्क की मूल उपज/विचार के लिए व्यक्तियों को दिए जाते हैं।"
• ये कानूनी और सुरक्षात्मक अधिकार निर्माताओं/रचनाकारों को अपने कार्य/निर्माण/रचना के उपयोग को सुरक्षित रखने और दूसरे निर्माताओं/रचनाकारों को बिना अनुमति के उपयोग करने या पुनर्निर्माण करने से रोकने की अनुमति देते हैं।
• इन अधिकारों को 'मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा' के अनुच्छेद 27 में शामिल किया गया है।
प्रकार
• IPR के मुख्य प्रकारों में आविष्कारों के लिए पेटेंट, ब्रांडिंग के लिए ट्रेडमार्क, कलात्मक और साहित्यिक कार्यों के लिए कॉपीराइट, गोपनीय व्यावसायिक जानकारी के लिए व्यापार रहस्य और उत्पाद के लिए औद्योगिक डिजाइन शामिल हैं।
भारत और IPR संबंधी प्रावधान
• भारत विश्व व्यापार संगठन का सदस्य है और 'बौद्धिक संपदा के व्यापार संबंधी पहलुओं पर समझौते' (ट्रिप्स) के लिए प्रतिबद्ध है।
• भारत 'विश्व बौद्धिक संपदा संगठन' का भी सदस्य है, जो विश्व में बौद्धिक संपदा अधिकारों के संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए समर्पित निकाय है।
भारतीय पेटेंट अधिनियम, 1970
• भारत में 'भारतीय पेटेंट अधिनियम, 1970' वर्ष 1972 में लागू हुआ था।
इसने भारतीय पेटेंट और डिजाइन अधिनियम, 1911 को प्रतिस्थापित किया था।
• इस अधिनियम को पेटेंट (संशोधन) अधिनियम, 2005 द्वारा संशोधित किया गया था, जिसमें उत्पाद पेटेंट को खाद्य, औषधि, रसायन और सूक्ष्मजीवों सहित प्रौद्योगिकी के सभी क्षेत्रों तक बढ़ाया गया था।
राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार नीति
• वाणिज्य मंत्रालय के तहत उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने वर्ष 2016 में राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार नीति को अपनाया था।
• इस नीति का मुख्य लक्ष्य "रचनात्मक भारत, अभिनव भारत" है।
• यह नीति बौद्धिक संपदा अधिकारों के सभी रूपों को समायोजित करती है, उनके व अन्यों के बीच सामंजस्य बनाने का प्रयास करती है और कार्यान्वयन व समीक्षा के लिए एक संस्थागत तंत्र स्थापित करती है।
अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सूचकांक
यूएस चैंबर्स ऑफ कॉमर्स द्वारा जारी अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सूचकांक, 2023 में भारत 55 प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में 42वें स्थान पर है।
अमेरिका इस सूचकांक में सबसे ऊपर है, जबकि यूनाइटेड किंगडम दूसरे और फ्रांस तीसरे स्थान पर है।